जीवन क्या है कोई न जाने [संगीतकार के स्वर में - 7]
Posted On सोमवार, 7 मार्च 2011 at by Smart Indianसंगीतकारों द्वारा गाये गये मधुर गीतों की शृंखला में आज का गीत है "इस रात की सुबह नहीं" से। यह फिल्म 1996 में सुधीर मिश्र के निर्देशन में बनी थी। संगीत दिया था तेलुगु फिल्मों के प्रसिद्ध संगीत-निर्देशक एम. एम. कीरवाणी उर्फ क्रीम ने। क्रीम अपनी फिल्मों में अक्सर स्वयम भी गाते रहे हैं। इस फिल्म में भी दो गीत क्रीम ने गाये हैं। आज हम सुनते हैं निदा फाज़ली का दार्शनिक गीत, जीवन क्या है।
जीवन क्या है कोई न जाने
गीत: निदा फाज़ली
स्वर और संगीत: एम. एम. कीरवाणी
फिल्म: इस रात की सुबह नहीं (1996)
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जीवन क्या है कोई न जाने, जीवन क्या है कोई न जाने
जो जाने पछ्ताये, जो जाने पछ्ताये, जो जाने पछ्ताये
जीवन क्या है कोई न जाने
माटी ही फूलों में छुपकर महके और मुस्काये
माटी ही फूलों में छुपकर महके और मुस्काये
माटी ही तलवार का लोहा बनकर खून बहाये
एक माटी मुझ में तुझ में रूप बदलती जाये
जो जाने पछ्ताये, जीवन क्या है कोई न जाने
माटी का पुतला ही माटी के पुतले को तोडे
माटी ही माटी से अपने रिश्ते-नाते जोडे
जो होता है, क्यों होता है, कोई भेद न पाये
जो जाने पछ्ताये, पछ्ताये
जीवन क्या है कोई न जाने, कोई न जाने
जीवन क्या है कोई न जाने
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सम्बंधित कड़ियाँ:
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2. पास रहकर भी कोई - जतिन पंडित
3. किस्मत के खेल निराले - रवि
4. हारे भी तो बाज़ी हाथ नहीं
5. प्यार चाहिए - बप्पी लाहिड़ी
6. तुझे मैं ले के चलूँ - किशोर कुमार
mujhe nida fazli ji ka likha itna pasand hai ki unke naam ko dekh khush ho uthti hoon ,yahan unke geet padhte hi sunne baith gayi ,laazwaab.
aapko holi ki badhai .
जीवन दर्शन को
इतने क़रीब से समझाता हुआ
प्रभावशाली गीत सुन कर आनंद मिल गया
किरवानी जी की आवाज़ से परिचय पहले नहीं था ...
हौसला-अफज़ाई के लिए
बहुत बहुत शुक्रिया .
ज्योति जी, अर्श जी,
आपका आभार!
आपके ब्लॉग पर पहली बार आना हुआ आनंद आ गया.....खासतौर पर ये गीत सुनकर....ध्निदा फाजिली जी की इस खुबसूरत रचना से रूबरू करवाने के लिये आपको धन्यवाद.....