आज हम बिछड़े हैं तो - शाहिद कबीर
Posted On बुधवार, 9 फ़रवरी 2011 at by Smart Indianआज आपकी सेवा में प्रस्तुत है मेरी पसन्द का एक और गीत जिसे लिखा है शाहिद कबीर ने और स्वर है जगजीत सिंह का। विडिओ मिल गया यूट्यूब पर इसलिये ऑडिओ अप्लोड नहीं कर रहा हूँ। यह विडिओ भी दरअसल ऑडिओ ही है।
शाहिद कबीर का जन्म एक मई सन 1932 को नागपुर में हुआ था। उनकी कुछ पुस्तकों के नाम इस प्रकार हैं: कच्ची दीवारें (उपन्यास), चारों ओर (गज़ल संग्रह), मट्टी का मकान (गज़ल संग्रह), पहचान (गज़ल संग्रह)। उनका देहावसान 11 मई सन 2001 को हुआ।
आज हम बिछ्डे हैं तो कितने रंगीले हो गये
मेरी आंखें सुर्ख तेरे हाथ पीले हो गये
कबकी पत्थर हो चुकी थीं मुंतज़िर आंखें मगर
छू के जब देखा तो मेरे हाथ गीले हो गये
जाने क्या अहसास साज़े-हुस्न की तारों में था
जिनको छूते ही मेरे नगमे रसीले हो गये
अब कोई उम्मीद है "शाहिद" न कोई आरज़ू
आसरे टूटे तो जीने के वसीले हो गये
आज हम बिछ्डे हैं तो कितने रंगीले हो गये
मेरी आंखें सुर्ख तेरे हाथ पीले हो गये
शाहिद कबीर का जन्म एक मई सन 1932 को नागपुर में हुआ था। उनकी कुछ पुस्तकों के नाम इस प्रकार हैं: कच्ची दीवारें (उपन्यास), चारों ओर (गज़ल संग्रह), मट्टी का मकान (गज़ल संग्रह), पहचान (गज़ल संग्रह)। उनका देहावसान 11 मई सन 2001 को हुआ।
आज हम बिछ्डे हैं तो कितने रंगीले हो गये
मेरी आंखें सुर्ख तेरे हाथ पीले हो गये
कबकी पत्थर हो चुकी थीं मुंतज़िर आंखें मगर
छू के जब देखा तो मेरे हाथ गीले हो गये
जाने क्या अहसास साज़े-हुस्न की तारों में था
जिनको छूते ही मेरे नगमे रसीले हो गये
अब कोई उम्मीद है "शाहिद" न कोई आरज़ू
आसरे टूटे तो जीने के वसीले हो गये
आज हम बिछ्डे हैं तो कितने रंगीले हो गये
मेरी आंखें सुर्ख तेरे हाथ पीले हो गये
सरजी, अभी सिर्फ़ पढ़ा है और फ़ुल्ल्टू मजा आ गया है।
सुकरिया:))
धन्यवाद बन्धु! सुनोगे तो भी घाटे में नहीं रहोगे।
सुंदर लेख बधाई
kya baat hai Anuraagji
bahut achche
'ankh, pathar-- Geele Haath'
Kabirji bahut achcha likhte rahe
unkee is rachna se parichit karvaane ke liye dhanywaad
kya baat hai Anuragji
shahid Kabeer bahut achchha likhte rahe
"aankh, patthar, geele haath'
Unkee is rachna se parichit karvane ke liye dhanyawaad
अनुराग जी बहुत सुन्दर पोस्ट है..उम्दा लिखा है... आपका यह ब्लॉग और पोस्ट कल चर्चामंच पर होगा ... आभार ...
आप वह आ कर अपने विचारों से अनुग्रहित करेंगे..
धन्यवाद ..
http://charchamanch.blogspot.com
http://amritras.blogspot.com
धन्यवाद!
चर्चा मंच से आपकी पोस्ट पर आना हुआ .बहुत ही सुंदर गीत और संगीत सुननेको मिला .धन्यवाद .
मेरे ब्लॉग 'मनसा वाचा कर्मणा'पर आपका सुस्वागत है .
शाहिद कबीर की उम्दा ग़ज़ल प्रस्तुत करने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
yahan to har post meri pasand ki hai aai thi mubarakbaad dene magar geet gazal sunne baith gayi .badhai ho .
maja aa gaya sun kar ,tasvir bhi bahut sundar .shukriyaan shahid ji ki gazal sunvane ke liye .
yahan se hatne ka jee hi nahi karta lagta bas is gazal ko sunti hi rahoo .mujhe ise jaldi save karna padega apne paas ....
saahity aur sangeet dono ka majaa vaah kyaa baat hai