हारे भी तो बाज़ी हाथ नहीं [संगीतकार के स्वर में - 4]
Posted On सोमवार, 14 जून 2010 at by Smart Indianग़र बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है, जो चाहे लगा दो डर कैसा
गर जीत गये तो क्या कहना, हारे भी तो बाज़ी मात नहीं
संगीतकार खय्याम का नाम हिन्दी संगीत प्रेमियों के लिये नया नहीं है. उन्होने हर दौर में हिट् गीत दिये हैं. चाहे शगन का गीत "तुम अपना रंज़ो ग़म" हो चाहे उमराव जान का "इन आंखों की मस्ती" खय्याम का स्तर हमेशा बुलन्दियों को छूता रहा है. आइये सुनते हैं खय्याम को इस युगल गीत में अपनी जीवन संगिनी जगजीत कौर के साथ. यह गीत 1986 की फिल्म अंजुमन के लिये रिकार्ड किया गया था जो शायद कभी बौक्स ओफिस का मुख नहीं देख सकी. सुनने के लिये नीचे प्लेयर पर क्लिक कीजिये:
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खय्याम और संगीत पर्याय है
सुन्दर सुमधुर संगीत युक्त गीत
badhiya geet...
खुबसूरत गीत आभार
regards
बहुत बढ़िया...
बहुत बडिया प्रस्तुती आभार्
सादर वन्दे !
ये तो अनमोल भेंट दी आपने |
रत्नेश त्रिपाठी
Really superb...i love this song..and thanks 4 u ....its like a gem ...Regards
Lines Tell the Story of Life "Love Marriage Line in Palm"
बहुत बढिया गीत। धन्यवाद।
ऐसा दुर्लभ , नायाब और खूबसूरत गीत
सुनवाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ....
कभी लता जी का गया हुआ गीत
"मोरे नैना सावन भादों......." ( महबूबा वाला नहीं )
भी सुनवाईये तो.....
किसी बहुत पुराणी फिल्म से है....
nice post...
कब हाथ में तेरा हाथ नहीं....
मेरा पसंदीदा गीत।
आभार ।