विदा भूपेन हज़ारिका
Posted On शनिवार, 5 नवंबर 2011 at by Smart Indianमहान संगीतकार भूपेन हज़ारिका |
पद्म भूषण व दादा साहेब फ़ाल्के जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित भूपेन हज़ारिका 8 सितम्बर 1926 को गुवाहाटी में जन्मे थे। 1939 में उन्होंने असमी भाषा की फ़िल्म इन्द्रामती में एक गीत गाया था। उनका नवीनतम गायन फ़िल्म ‘गांधी टू हिटलर’ में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन ‘वैश्नव जन’ था।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षित और 1952 में कोलम्बिया विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से पीएचडी की उपाधि प्राप्त हज़ारिका ने भारत में प्रौढ शिक्षा में दृश्य-श्रव्य तकनीक के प्रयोग पर थीसिस प्रस्तुत की थी। वे असम संस्कृति और लोकसंगीत के अच्छे जानकार माने जाते रहे है।
दिवंगत आत्मा को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए प्रस्तुत है उनके संगीत निर्देशन में 1974 की फ़िल्म आरोप का एक लोकप्रिय गीत लता मंगेशकर व किशोर कुमार के स्वर में
नयनों में दर्पण है, दर्पण में कोई, देखूं जिसे सुबहो शाम
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सम्बन्धित कड़ियाँ
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* भूपेन हजारिका की जीवनी - रेडियोवाणी पर
Bhupen da was not only a singer,a great lyricist-who wrote songs on each and every emotion, feeling and situation of human life, a great music composer, a great film director , a great laureate and a great humanitarian.. he sang for the people. His was the voice of the masses..his voice had the depth of the ocean..a doctorate from columbia university ,a wandering vagabond artist , his songs are truly a subject for research. We pay tribute to him..he shall remain in our hearts forever and ever...h cannot die
भूपेन दा को हार्दिक श्रद्धांजलि !
...ओ गंगा रोती है क्यूं ?
भूपेन हज़ारिका जी को मेरा शत शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि ! सुन्दर प्रस्तुती!
हजारिका जी को खोना बहुत बडी क्षति है । अल्पज्ञता वश मुझे उनके संगीत-निर्देशन का अदिक ज्ञान नही है लेकिन केवल रुदाली का संगीत ही उनकी अमरता का सशक्त प्रमाण है । इसमें उन्होंने न केवल अविस्मरणीय संगीत दिया है बल्कि खुद गाया भी है । उन्हें सुनना एक अद्भुत अनुभव है ।
ओह यादें ताजा हो गईं
मैं 1999 से 2001 तक गुवाहाटी मे कार्यरत था। इस दौरान कई मर्तवा भूपेन दा से मिलने का अवसर मिला।
सब कुछ आंखो के सामने है, लगता है कल की बात हैं।
भुपेन दा को हार्दिक श्रद्धांजलि
भूपेन दा के लिए
मेरी विनम्र श्रद्धांजलि ...
भूपेन दा के लिए
मेरी विनम्र श्रद्धांजलि...
भूपेन दा को हार्दिक श्रद्धांजलि !
भूपेंन दा को अपने ब्लॉग के मार्फ़त श्रद्धांजलि देकर उस महान हस्ती के प्रति अपनी भावना व्यक्ति की है. वास्तव में उनका अवसान होना बहुत दु:खद व अपूरणीय है.