तुझे मैं ले के चलूँ [संगीतकार के स्वर में - 6]
Posted On शनिवार, 4 दिसंबर 2010 at by Smart Indianआ चल के तुझे...
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सम्बंधित कड़ियाँ:
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1. रूठ के हमसे कहीं - जतिन पंडित
2. पास रहकर भी कोई - जतिन पंडित
3. किस्मत के खेल निराले - रवि
4. हारे भी तो बाज़ी हाथ नहीं
5. प्यार चाहिए - बप्पी लाहिड़ी
मौसम आयेंगे जायेंगे - हुसैन बन्धु
Posted On रविवार, 21 नवंबर 2010 at by Smart Indianपक्षियों के कलरव के बीच गुलाबी सर्दियों की गुनगुनी धूप में डैक पर बैठकर तसल्ली से हुसैन बन्धुओं को सुनना अपने आप में एक अलौकिक अनुभव है। आप भी सुनिये मेरा पसन्दीदा गीत, "मौसम आयेंगे जायेंगे":
मौसम के बदलते रंग! यदि आपको गीतकार के बारे में कुछ जानकारी हो तो कृपया साझा अवश्य करें, आभार!
मौसम आयेंगे जायेंगे, हम तुम को भूल ना पायेंगे, मौसम आयेंगे जायेंगे!
जाड़ो की बहार जब आएगी
धूप आँगन में लहरायेगी
गुल-दोपहरी मुस्कायेगी
शाम आ के चराग़ जलायेगी
जब रात बड़ी हो जायेगी
और दिन छोटे हो जायेंगे
हम तुम को भूल ना पायेंगे।
जब गर्मी के दिन आयेंगे
तपती दोपहरें लायेंगे
सन्नाटे शोर मचाएंगे
गलियों में धूल उड़ायेंगे
पत्ते पीले हो जायेंगे
जब फूल सभी मुरझायेंगे
हम तुम को भूल ना पायेंगे।
जब बरखा की रूत आएगी
हरयाली साथ में लायेगी
जब काली बदली छायेगी
कोयल मल्हारें गायेगी
इक याद हमें तड़पायेगी
दो नैना नीर बहायेंगे
हम तुम को भूल न पायेंगे।
मौसम आयेंगे जायेंगे, हम तुम को भूल ना पायेंगे, मौसम आयेंगे जायेंगे।
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा
Posted On शनिवार, 7 अगस्त 2010 at by Smart Indianविजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा
सदा शक्ति बरसाने वाला, प्रेम सुधा सरसाने वाला
वीरों को हरषाने वाला, मातृभूमि का तन-मन सारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा
स्वतंत्रता के भीषण रण में, लखकर जोश बढ़े क्षण क्षण में
काँपे शत्रु देखकर मन में, मिट जावे भय संकट सारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा
इस झंडे के नीचे निर्भय, हो स्वराज जनता का निश्चय
बोलो भारत माता की जय, स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा
आओ प्यारे वीरों आओ, देश जाति पर बलि बलि जाओ
एक साथ सब मिलकर गाओ, प्यारा भारत देश हमारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा
इसकी शान न जाने पावे, चाहे जान भले ही जावे
विश्व विजय करके दिखलावे, झंडा ऊँचा रहे हमारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा
(श्यामलाल गुप्त)
चित्र अनुराग शर्मा द्वारा Photograph taken by Anurag Sharma
प्यार चाहिए [संगीतकार के स्वर में - 5]
Posted On सोमवार, 5 जुलाई 2010 at by Smart Indianमौलिक संगीत का सन्दर्भ आने पर शायद ही किसी को संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का नाम याद आता हो परन्तु मधुर संगीत के लिए उनका नाम हिन्दी संगीत प्रेमियों के लिये नया नहीं है. एक लम्बे समय से उन्होने हिट् हिन्दी गीत दिये हैं. शेरन प्रभाकर, आलिशा चिनाय जैसे गायकों का परिचय हिन्दी संगीत जगत से कराने का श्री उन्हें ही जाता है. उनके द्वारा "ट्रुथ हर्ट्स" पर संगीत चोरी का मुकदमा चर्चित रहा था. अंत में बप्पी की विजय हुई. आइये सुनते हैं बप्पी लाहिड़ी के स्वर में १९८० की फिल्म मनोकामना का "तुम्हारा प्यार चाहिए..." सुनने के लिये नीचे प्लेयर पर क्लिक कीजिये:
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हारे भी तो बाज़ी हाथ नहीं
किस्मत के खेल निराले - रवि
पास रहकर भी कोई - जतिन पंडित
रूठ के हमसे कहीं - जतिन पंडित
हारे भी तो बाज़ी हाथ नहीं [संगीतकार के स्वर में - 4]
Posted On सोमवार, 14 जून 2010 at by Smart Indianग़र बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है, जो चाहे लगा दो डर कैसा
गर जीत गये तो क्या कहना, हारे भी तो बाज़ी मात नहीं
संगीतकार खय्याम का नाम हिन्दी संगीत प्रेमियों के लिये नया नहीं है. उन्होने हर दौर में हिट् गीत दिये हैं. चाहे शगन का गीत "तुम अपना रंज़ो ग़म" हो चाहे उमराव जान का "इन आंखों की मस्ती" खय्याम का स्तर हमेशा बुलन्दियों को छूता रहा है. आइये सुनते हैं खय्याम को इस युगल गीत में अपनी जीवन संगिनी जगजीत कौर के साथ. यह गीत 1986 की फिल्म अंजुमन के लिये रिकार्ड किया गया था जो शायद कभी बौक्स ओफिस का मुख नहीं देख सकी. सुनने के लिये नीचे प्लेयर पर क्लिक कीजिये:
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किस्मत के खेल निराले - रवि
पास रहकर भी कोई - जतिन पंडित
रूठ के हमसे कहीं - जतिन पंडित
कैम्पस - हिन्दी और मलयाली गीत एक साथ
Posted On मंगलवार, 6 अप्रैल 2010 at by Smart Indianभारत की अहिन्दी फिल्मों कई बार हिन्दी गीत सुनाई देते हैं. पिछले दिनों कई तेलुगु गीतों में हिन्दी की पंक्तिया दिखाई दीं हैं. मगर स्वतंत्र हिन्दी गीतों के लिए अहिन्दी भाषाओं में मलयालम का कोई जवाब नहीं है. मुझे अभी भी याद है कि ६-७ साल पहले हमारे एक नए बने मित्र हमें दक्षिण भारतीय समझकर चेन्नई से लाई हुई "हिज़ हाइनेस अब्दुला" की सीडी दे गए थे. उसमें येसुदास ने एक हिन्दी ग़ज़ल गाई थी.
पिछले दिनों एक अन्य मित्र के पास एक हिन्दी-मलयालम मिश्र अल्बम "कैम्पस" का आनंद उठाने का अवसर मिला. उसी का एक मधुर हिन्दी गीत आपके साथ बाँट रहा हूँ. स्वर निवेदिता का है, शब्द योगेश के और संगीत एम् जयचंद्रन का. आइये सुनें "कैसा ये जादू किया" उर्फ़ "ता-ता थय्या."
रवि के स्वर में [संगीतकार के स्वर में - ३]
Posted On शुक्रवार, 26 मार्च 2010 at by Smart Indian१९६९ की फिल्म एक फूल दो माली अपने समय में बहुत पसंद की गयी थी. प्रसिद्ध संगीतकार रवि के निर्देशन में उसके गीत आज भी सुने जाते हैं. इस फिल्म में रवि ने एक गीत स्वयं गाया था. मुझे काफी अच्छा लगता था. आपके साथ बाँट रहा हूँ, उम्मीद है पसंद आयेगा. "किस्मत के खेल निराले" के गीतकार हैं प्रेम धवन.
तीन गीत...
Posted On शनिवार, 13 फ़रवरी 2010 at by Smart Indianआज का दिन उन सब बिछड़ों के नाम जिनकी मंजिल अभी दूर है. ईश्वर उनके मार्ग को निष्कंटक करे।
.... बस स्टॉप पर अकेले इंतज़ार का गुस्सा। देर से आने या बिलकुल न आने वाले फोन के इंतज़ार का गुस्सा। व्यस्त जीवन और ढेरों जिम्मेदारियों का गुस्सा. थाली में सूखकर पापड बनी रोटी का क्या? किसी को तरह तरह के पक्वान्न बनाने की लगन और किसी के लिए भोजन बस जीवित रहने की एक तरकीब। उत्तर, दक्षिण, अंतर दो विपरीत ध्रुवों का। बात बनती तो बनती भी कैसे?
नतीज़ा: नारियल के खोल सा सख्त, रूक्ष और अन्धेरा जीवन। लेकिन जैसी कहावत है - सब्र का फल मीठा. एक परी का जादू, और डांट भी - ये आप क्या कर देते हो? बच्चा को अच्छा लगेगा? पिट्टी कर दूंगी! ओSSS आपको समझ नहीं आया था! देर से ही सही, बहुत चोटें लगने के बाद ही सही, वह सख्त, रूखा और अन्धेरा खोल टूटा और धवल मिठास ने अँधेरे को धो डाला। सारी कालिमा धवल हो गयी।
मगर सब दिन एक से कहाँ रहते हैं? साल का सबसे विशेष दिन, तुम्हारा अपना दिन - कब आकर निकल भी गया, पकड़ ही नहीं सका और आज का दिन भी भागा जा रहा है। जीवन है, उसका अहसास भी है। धूप भी है पर बिलकुल सर्द। और सूरज सिर्फ रोशन, ऊष्माहीन। दिखने में कितना पास, असलियत में कितना दूर। पास है तो बस दूरी की मजबूरी। बर्फ काफी है। गर्द से ढँकी, सलेटी, कीचड सी बर्फ। निष्ठुर हवा मानो मुंह नोच रही है। नाक सूखी, आंख नम। सरदर्द, ज़ुकाम, हरारत सभी है।
उम्मीद तो अफीम है मगर यादें तो ठोस हैं। एक हाथ थामा था कभी। आज, साथ नहीं है पर उस हाथ की गर्मी अभी भी है हाथ में। आँखें बंद करके महसूस करता हूँ। यादें भी हैं, उनकी खुशबू भी है। लकीरें ज़मीन पर खिंचती है दिमाग पर नहीं। देश बँट जाते हैं दिल नहीं। शुक्र है खुदा का, ग्रह तो हमारा एक ही है। रहते होंगे अलग घर में पर "गृह" तो एक ही है।
एक गीत तुम्हारी पसंद का:
और एक मेरी:
और उस परी के लिए एक गीत रखे बिना तो बात अधूरी ही रह जायेगी:
पास रहकर भी कोई [संगीतकार के स्वर में - २]
Posted On शनिवार, 9 जनवरी 2010 at by Smart Indianसंगीतकारों द्वारा गाये गए गीतों एक पिछली पोस्ट में मैंने जतिन पंडित का गाया हुआ कर्णप्रिय गीत "रूठ के हमसे कहीं" प्रस्तुत किया था. उसी श्रंखला में आज सुनिए जतिन के स्वर में ही गाया हुआ मधुर गीत "पास रहकर भी कोई पास न हो."
सन २००२ की इस फिल्म का नाम है "तुम जियो हज़ारों साल"