रविवार, 10 फ़रवरी 2013

हम चाहें या ना चाहें - पंडित नरेंद्र शर्मा

पंडित जी की पुण्य तिथि पर विनम्र स्मरण

हम चाहें या ना चाहें
हमराही बना लेती हैं
हमको जीवन की राहें
हम चाहें या न चाहें ...

ये राहें कहाँ से आते
ये राहें कहाँ ले जाते
राहें धरती के तन पर
आकाश की फैली बाहें

हम चाहें या ना चाहें
हमराही बना लेती हैं
हमको जीवन की राहें
हम चाहें या न चाहें ...

उतरा आकाश धरा पर
तन मन कर दिया न्योछावर
जो फूल खिलाना चाहें
हँस हँस कर साथ निबाहें
हम चाहें या न चाहें ...



हम चाहें या न चाहें (चलचित्र: फिर भी)
 
गीतकार: पंडित नरेंद्र शर्मा
गायक: हेमंत कुमार
संगीत: रघुनाथ सेठ

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विविध भारती

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर गाना | बोल अत्यंत भावपूर्ण और सार्थक हैं | मुझे इस गाने का पता नहीं है | आपका शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ के आपने इस गीत से अवगत करवाया | आभार | पंडितजी अमर रहें |

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