पंडित जी की पुण्य तिथि पर विनम्र स्मरण
हम चाहें या ना चाहें
हमराही बना लेती हैं
हमको जीवन की राहें
हम चाहें या न चाहें ...
ये राहें कहाँ से आते
ये राहें कहाँ ले जाते
राहें धरती के तन पर
आकाश की फैली बाहें
हम चाहें या ना चाहें
हमराही बना लेती हैं
हमको जीवन की राहें
हम चाहें या न चाहें ...
उतरा आकाश धरा पर
तन मन कर दिया न्योछावर
जो फूल खिलाना चाहें
हँस हँस कर साथ निबाहें
हम चाहें या न चाहें ...
हम चाहें या न चाहें (चलचित्र: फिर भी)
गीतकार: पंडित नरेंद्र शर्मा
गायक: हेमंत कुमार
संगीत: रघुनाथ सेठ
संबन्धित कड़ियाँ
ही इज़ नो मोर! ११ फरवरी पापा की पुण्य तिथि - श्रीमती लावण्या शाह
सादर श्रद्धांजलि - पण्डित नरेन्द्र शर्मा
रथवान - एक प्रेरक गीत
पण्डित नरेन्द्र शर्मा - कविता कोश
विविध भारती
हम चाहें या ना चाहें
हमराही बना लेती हैं
हमको जीवन की राहें
हम चाहें या न चाहें ...
ये राहें कहाँ से आते
ये राहें कहाँ ले जाते
राहें धरती के तन पर
आकाश की फैली बाहें
हम चाहें या ना चाहें
हमराही बना लेती हैं
हमको जीवन की राहें
हम चाहें या न चाहें ...
उतरा आकाश धरा पर
तन मन कर दिया न्योछावर
जो फूल खिलाना चाहें
हँस हँस कर साथ निबाहें
हम चाहें या न चाहें ...
हम चाहें या न चाहें (चलचित्र: फिर भी)
गीतकार: पंडित नरेंद्र शर्मा
गायक: हेमंत कुमार
संगीत: रघुनाथ सेठ
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ही इज़ नो मोर! ११ फरवरी पापा की पुण्य तिथि - श्रीमती लावण्या शाह
सादर श्रद्धांजलि - पण्डित नरेन्द्र शर्मा
रथवान - एक प्रेरक गीत
पण्डित नरेन्द्र शर्मा - कविता कोश
विविध भारती
बहुत सुन्दर गाना | बोल अत्यंत भावपूर्ण और सार्थक हैं | मुझे इस गाने का पता नहीं है | आपका शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ के आपने इस गीत से अवगत करवाया | आभार | पंडितजी अमर रहें |
जवाब देंहटाएंTamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
Thanks dear for sharing the song
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