ऑनलाइन हिन्दी कवि सम्मेलन सुनिए
Posted On रविवार, 8 फ़रवरी 2009 at by Smart Indian
नमस्कार!
हिंद युग्म की भगिनी संस्था आवाज़ पर हर महीने के अन्तिम रविवार को एक ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन होता है जिसमें दुनिया भर के कवि अपनी हिन्दी कविताओं का पाठ करते हैं। पहले अंक के संचालक ऑस्ट्रेलिया से श्री हरिहर झा थे। जबकि दूसरे से छठे अंक तक इस ऑनलाइन आयोजन का संचालन किया है हैरिसबर्ग, अमेरिका से डॉक्टर मृदुल कीर्ति ने।
इस बार का कवि सम्मलेन कई मायनों में अनूठा है. फरवरी माह के इस कवि सम्मलेन के माध्यम से हम श्रद्धांजलि दे रहे हैं महान कवयित्री और स्वतन्त्रता सेनानी सुभद्रा कुमारी चौहान को जिनकी पुण्यतिथि १५ फरवरी को होती है। इसके साथ ही यह मौसम है वसंत का। ऐसे वासंती समय में हमने इस कवि सम्मलेन में चुना है छः कवियों को, दो महाद्वीपों से, चार भावों को लेकर। साथ ही आगे रहने की अपनी परम्परा का निर्वाह करते हुए इस बार हम लेकर आए हैं अनुराग शर्मा के सद्य-प्रकाशित काव्य संकलन "पतझड़ सावन वसंत बहार" में से कुछ चुनी हुई कवितायें। तो आईये आनंद लेते हैं चार मौसमों का इस बार के कवि सम्मलेन के माध्यम से। इन सुमधुर रचनाओं का आनंद उठाईये।
आप भी इस कवि सम्मेलन में भाग ले सकते हैं। आपको बस इतना करना है की अपनी स्वरचित कविता अपनी ही आवाज़ में रिकॉर्ड करके उसे ईमेल podcast.hindyugm@gmail.com पर भेजें। कवितायें भेजते समय कृपया ध्यान रखें कि वे १२८ kbps स्टीरेओ mp3 फॉर्मेट में हों और पृष्ठभूमि में कोई संगीत न हो।
रिकॉर्डिंग करना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है। हिन्द-युग्म पर इस बारे में एक एक पोस्ट रखी है, जिसकी मदद से आप सहज ही रिकॉर्डिंग कर सकेंगे। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
पुराने अंक सुनने के लिए कृपया नीचे के लिंक क्लिक करें:
आपके सुझावों का स्वागत है।
हिंद युग्म की भगिनी संस्था आवाज़ पर हर महीने के अन्तिम रविवार को एक ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन होता है जिसमें दुनिया भर के कवि अपनी हिन्दी कविताओं का पाठ करते हैं। पहले अंक के संचालक ऑस्ट्रेलिया से श्री हरिहर झा थे। जबकि दूसरे से छठे अंक तक इस ऑनलाइन आयोजन का संचालन किया है हैरिसबर्ग, अमेरिका से डॉक्टर मृदुल कीर्ति ने।
इस बार का कवि सम्मलेन कई मायनों में अनूठा है. फरवरी माह के इस कवि सम्मलेन के माध्यम से हम श्रद्धांजलि दे रहे हैं महान कवयित्री और स्वतन्त्रता सेनानी सुभद्रा कुमारी चौहान को जिनकी पुण्यतिथि १५ फरवरी को होती है। इसके साथ ही यह मौसम है वसंत का। ऐसे वासंती समय में हमने इस कवि सम्मलेन में चुना है छः कवियों को, दो महाद्वीपों से, चार भावों को लेकर। साथ ही आगे रहने की अपनी परम्परा का निर्वाह करते हुए इस बार हम लेकर आए हैं अनुराग शर्मा के सद्य-प्रकाशित काव्य संकलन "पतझड़ सावन वसंत बहार" में से कुछ चुनी हुई कवितायें। तो आईये आनंद लेते हैं चार मौसमों का इस बार के कवि सम्मलेन के माध्यम से। इन सुमधुर रचनाओं का आनंद उठाईये।
आप भी इस कवि सम्मेलन में भाग ले सकते हैं। आपको बस इतना करना है की अपनी स्वरचित कविता अपनी ही आवाज़ में रिकॉर्ड करके उसे ईमेल podcast.hindyugm@gmail.com पर भेजें। कवितायें भेजते समय कृपया ध्यान रखें कि वे १२८ kbps स्टीरेओ mp3 फॉर्मेट में हों और पृष्ठभूमि में कोई संगीत न हो।
रिकॉर्डिंग करना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है। हिन्द-युग्म पर इस बारे में एक एक पोस्ट रखी है, जिसकी मदद से आप सहज ही रिकॉर्डिंग कर सकेंगे। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
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फरवरी अंक (फरवरी २००९ Kavi Sammelan) सातवाँ अंक (जनवरी २००९) छठा अंक (दिसम्बर २००८) पाँचवाँ अंक (नवम्बर २००८) चौथा अंक (अक्टूबर २००८) तीसरा अंक (सितम्बर २००८) दूसरा अंक (अगस्त २००८) पहला अंक (जुलाई २००८) आवाज़ पर डॉक्टर मृदुल कीर्ति का साक्षात्कार पढने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये। |
आपके सुझावों का स्वागत है।
बहुत सुंदर कर रहे है आप. इस से जो कलाकार छुपे है आम लोगो की निगाहो से, वो चमकेगे.
धन्यवाद
may be, i am not in a position to be a part of that captivating "kavi.sameelan",
but i extend my heart.felt good-wishes and cangratulations...
huzoor ! kuchh lafz aapki paarkhi nazaroN ka shiddat se intzaar kr rahe haiN...pleeeeaaaase...!!
Bhut achchhi jankari ke liye dhanyvad....
bahut accha prayaas hai aapka....
Very nice.
आपकी रचनाधर्मिता का कायल हूँ. कभी हमारे सामूहिक प्रयास 'युवा' को भी देखें और अपनी प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करें !!
बहुत ख़ूब
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आप भारत का गौरव तिरंगा गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने ब्लॉग पर लगाना अवश्य पसंद करेगे, जाने कैसे?
तकनीक दृष्टा/Tech Prevue
आपका मेरी नई पोस्ट पर स्वागत है
जितेन्द्र चौधरी जैसा सर्मपण कहां से लाए
bahut badiyaa paryaas haiasha hai kabhi hame bhi avsar milega bahut bahut shukria n bdhaai
badiya paryaas hai sampooran safalta abhi door hai....parisharm jaaree rakho
awashya dekhen
http://www.aajkapahad.blogspot.com/
Koi naya article aap ka nahi aa raha hai kya ?
Aap ke naye rachana ke intajar me...
Regards
aapka shukritya.
मुझे आज अपने पर शर्म आई /मै अपने आप को साहित्यकार समझता हूँ (सिर्फ मैं )और मुझे कालजयी रचनाओं की रचयितासुभद्रा कुमारी चौहान की न जन्म तिथि याद है न पुण्य तिथि / बचपन में कोर्स में कविता पढी थी 'खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी 'एक बार जब पूरी कविता पढी तो लगा कोर्स में जो कविता दी गई थी उसमे कुछ अंश (पंक्तियाँ )कम कर दी थी ऐसा क्यों हुआ होगा यह तो आप बेहतर जानते होंगे /क्या उस अंश जो किसी घराने से ताल्लुक रखता था उसको कम किया जाना ऐसा नहीं हो गया जैसे किसी ब्लोगर ने किसी की टिप्पणी मोडरेट करदी हो /खैर यह सब तो चलता रहता है 'किस किस को याद कीजिए किस किस को रोइए ,आप एक सराहनीय कार्य कर रहे है
Is shaandar aayojan ke liye badhaayi.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
आप एक सराहनीय कार्य कर रहे है...बहुत बहुत बधाई....
not at all.
aap bhi hindi ke liye bahut accha prayas kar rahe hain shak to isme bhi nahin hai.
congs and thanks for visiting my blog.
प्रभाव शाली लेखन है ॥!
हम सभी, साथ हैं...मै हूँ ,एक अदना -सी व्यक्ती..
दिलों में बसी आशंकित भावना छोड़ एक ही सुर में कहें," मेरी जान रहे न रहे,
मेरी माता के सरपे ताज रहे..
इस जानकारी के लिए आपका आभारी हूँ
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तकनीक दृष्टा
Kb jayega ye korona lakho ki Jan li esne lakh koshish krne se bhi harena ,he korona yehase bhagona, hm tmhe ptake jlakr bhgayenge.
बच्चे होते हैं सबसे प्यारे। लाल दुलारे सबसे न्यारे। करते बातें प्यारी प्यारी। करते हैं इनसे सब प्यार। तभी तो है ये महान। सुबह शाम रोते हैं। माँ का आँचल पकड़ के चलते हैं। कितने खुबसूरत लगते हैं। पापा खिलौने लाते हैं। माँ प्यार करती हैं। शरारत करते खूब हैं। लेकिन बच्चे नूर हैं।
कवित्री =मननू
बच्चे होते हैं सबसे प्यारे। लाल दुलारे सबसे न्यारे। करते बातें प्यारी प्यारी। करते हैं इनसे सब प्यार। तभी तो है ये महान। सुबह शाम रोते हैं। माँ का आँचल पकड़ के चलते हैं। कितने खुबसूरत लगते हैं। पापा खिलौने लाते हैं। माँ प्यार करती हैं। शरारत करते खूब हैं। लेकिन बच्चे नूर।