शनिवार, 6 जून 2009

आचार्य विनोबा भावे के गीता प्रवचन - हिन्दी




लगभग एक वर्ष के प्रयत्न के बाद आचार्य विनोबा भावे के गीता प्रवचन का हिन्दी अनुवाद आपके सम्मुख प्रस्तुत है। प्रस्तावना और अठारह अध्याय यहाँ आपके श्रवण-सुख के लिए उपलब्ध है। यह सारा काम श्रीयुत भीष्म कुमार देसाई की प्रेरणा और अथक प्रयत्नों से हुआ है। आदरणीय देसाई जी ने स्वयं गुजराती अनुवाद का वाचन किया है। अंग्रेजी अनुवाद और मूल मराठी वाचन का कार्य अभी प्रगति पर है।

आवाज़ अनुराग शर्मा की परंतु गीता से उपजे श्रेष्ठ विचार आचार्य विनोबा भावे के ही हैं।

17 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर, बहुत बहुत धन्यवाद, हो सकता है मै इसे चुरा लूं अगर आप बुरा ना माने तो

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  2. शब्दों में आपका धन्यवाद् करना सम्भव नहीं होगा.. आपकी इस पोस्ट नें गीता को समझने का प्रयास करने वालों पर बड़ा उपकार किया है.

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  3. bahut sundar prayaas.. geeta ko na bhoole hum , aapne aisa badhiya kaam kiya hai ..

    bahut badhai ...

    sir meri kuch aur kavitao ko aapka pyar chahitye..

    aapka vijay
    poemsofvijay.blogspot.com

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  4. jeevan saarthaktaa ko samjhaane ka anupam prayaas...

    NAV VARSH 2009 MANGALMAY HO

    ---MUFLIS---

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  5. आप का ब्लाग अच्छा लगा...बहुत बहुत बधाई....
    एक नई शुरुआत की है-समकालीन ग़ज़ल पत्रिका और बनारस के कवि/शायर के रूप में...जरूर देखें..आप के विचारों का इन्तज़ार रहेगा....

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  6. आपनें तो कमाल कर दिया है ,बहुत लोंगो को लाभ देगा यह .

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  7. आपने वास्तव में बहुत ही बड़ा कम किया है ये !
    आप ने इन महान पुरषों के बारें में जिनको लोगो ने भुला दिया था , उनको दोबारा याद करने की कोशिश की है!
    बहुत बढ़िया !

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  8. Vinobajike Geeta Pravachanoko ek naya ayam deneka apka praytna atyant samarpak aur kalswarup hai...
    Bhavishyakalin shubhkamnaoke sath..

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  9. इन महान पुरषों के बारें में जिनको लोगो ने भुला दिया था , उनको दोबारा याद करने की कोशिश की है! शब्दों में आपका धन्यवाद् Oकरना सम्भव नहीं होगा
    Amrendra Mohan, Bihar

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  10. Dear friends,

    Geeta-pravachan by Acharya Vinoba Bhave in Marathi is available at www.vinobabhave.org
    On this website more then 160 books, dozens of articles in various languages have been uploaded.
    Various Audio files are also uploaded
    The website is for spreading thoughts, philosophy and works of Acharya Vinoba Bhave.

    Anil

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